इस साल भी दीपावली आ ही गयी....
पर्व त्योहारों का मज़ा जैसा बचपन में हुआ करता था अब वैसा नहीं रहा। इसलिए हालांकि मनोरंजन के उपस्करों में इजाफा हुआ है, परन्तु आनंद के अवसर न्यून हो गए से लगते हैं।
फिर भी ...शुभ दीपावली।
आप कहें बचपन और अब में क्या अंतर जान पड़ता है?